SIP kya hai : SIP क्या हैं? (What are SIPs) एसआईपी के प्रकार एवं SIP में निवेश कैसे करें
SIP kya hai: निवेश (Investment) के लिये अपने लोगों को कभी न कभी SIP के बारें में बात करते सुना होगा। आइये जानते हैं आखिर SIP क्या हैं? (What are SIPs) SIP के कितने प्रकार के होते हैं इसके साथ ही SIP में निवेश कैसे करें..
निवेश (Investment) के लिये अपने लोगों को कभी न कभी SIP के बारें में बात करते सुना होगा। आइये जानते हैं आखिर SIP क्या हैं? SIP के कितने प्रकार के होते हैं इसके साथ ही SIP में निवेश कैसे करें...
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SIP क्या हैं? (What are SIPs)
SIP kya hai: SIP का पूरा नाम सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) होता हैं जिसमें छोटी-छोटी राशि का योजनाबद्ध तरीके सें निवेश किया जाता हैं। इसमें निवेशक अपनी आय के मुताबिक तय रकम को निवेश कर सकता हैं।
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SIP के प्रकार (How many types of SIP)
1. रेगुलर एसआईपी (Regular SIP)
रेगुलर एसआईपी (Regular SIP) में निवेशक हर महीने एक तय राशि को महीने, तिमाही या छमाही आधार पर निवेश करते हैं करते हैं इसमें निवेशक के पास खुद सें तारीख चुनने का विकल्प होता हैं।
2. फ्लेक्सिबल एसआईपी (Flexible SIP)
फ्लेक्सिबल एसआईपी (Flexible SIP) एक ऐसा एसआईपी होता हैं जिसमें निवेशक अपनी मर्जी सें एसआईपी में कुछ बदलाव कर सकते हैं। फ्लेक्सिबल एसआईपी में निवेशक अपनी निवेश की रकम को बढ़ा-घाटा सकते हैं। हालांकि, निवेश की रकम को बढ़ानें -घाटानें सें पहले फंड हाउस को एसआईपी की रकम काटने के एक सप्ताह पहले अपडेट करना होता हैं।
3. स्टेप-अप एसआईपी (Step-up SIP)
स्टेप-अप एसआईपी (Step-up SIP) के तहत निवेशक को एक तय अवधि में एसआईपी को बढ़ाने की सुविधा दी जाती हैं। इसमें निवेशक अपने खुद सें माह और वार्षिक आधार पर अपने SIP की रकम को कुछ प्रतिशत तक बढ़ा सकता हैं। जैसे यदि हर महीने 10,000 की रकम का एसआईपी किया जाता हैं तो उसमें अगले माह या साल में कुछ 5 सें 10 प्रतिशत बढ़ा कर निवेश किया जाये।
4. ट्रिगर एसआईपी (Trigger SIP)
ट्रिगर एसआईपी (Trigger SIP) में निवेशक अपने पैसे, समय और वैल्युएशन के आधार पर निवेश तय कर सकता हैं इसमें निवेशक पहले सें ही कंडीशन लगा कर अपने हो रहें फायदे को ट्रिगर कर सकता हैं। अगर कीमत के आधार पर ट्रिगर एसआईपी की बात करें तो इस पर कंडीशन लगा सकते हैं कि जब एनएवी 1000 रुपये से अधिक हो जाए तो ट्रिगर एसआईपी शुरू हो जाए। इसमें यह भी तय किया जा सकता हैं कि अगर एनएवी 1000 रुपये से कम हो जाए तो कुछ अतिरिक्त पैसे एसआईपी में लगने लगें. इसी तरह से पैसे को समय और वैल्युएशन के आधार पर भी ट्रिगर एसआईपी (Trigger SIP)का प्लान किया जा सकता है।
5. एसआईपी के साथ इंश्योरेंस (Insurance with SIP)
इंश्योरेंस के साथ एसआईपी ऐसा एसआईपी हैं जिसमें एसआईपी के साथ एक टर्म इंश्योरेंस कवर भी मिलता हैं। यह अलग- अलग फंड हाउस में अलग अलग तरीके का हो सकता हैं जैसे कुछ फंड हॉउस अपनी एसआईपी की रकम के 10 गुना तक इंश्योरेंस कवर देते हैं। जो कि समय के साथ बढ़ता जाता हैं। इस फीचर केवल इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में दिया जाता हैं इस पर एक कैपिंग होती हैं। जैसे 50 लाख तक की राशि।
SIP में निवेश कैसे करें (How to invest in SIP)
SIP में निवेश करने की प्रक्रिया बहुत ही असाना हैं। इसके लिये निवेशक को पहले एक डेमेट अकाउंट खोलना होता हैं। इसके बाद अपने बैंक अकाउंट को डेमेट अकाउंट सें जोड़ना होता हैं। डेमेट अकाउंट के इन्वेस्टमेंट सेक्शन में जाकर निवेशक SIP प्लान को चुनकर अपनी रकम को निवेश कर सकते हैं।
(Disclaimer: वित्तीय बाजार निवेश जोखिमों के अधीन हैं, निवेश सें पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान सें पढ़ें)
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