Dussehra 2024 Date : साल 2024 में दशहरा कब है?[Dussehra Kab Hai] रावण दहन का महूर्त एवं महत्व

Dussehra 2024 Date : दशहरा को बुराई में अच्छाई के प्रतीक के तौर में मनाया जाता है। आइये जनतें है साल 2024 में दशहरा कब है? (Dussehra Kab Hai) रावण दहन का महूर्त एवं इसके महत्व के बारें में... 

Dussehra 2024 Date : साल 2024 में दशहरा कब है?[Dussehra Kab Hai] रावण दहन का महूर्त एवं महत्व
Dussehra 2024

Dussehra 2024 Date: दशहरा का पर्व हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। त्रेतायुग में अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था जब से ही इस दिन दशहरा को बुराई में अच्छाई के प्रतीक के तौर में मनाया जाता है। आइये जनतें है साल 2024 में दशहरा कब है? (Dussehra Kab Hai) रावण दहन का महूर्त एवं इसके महत्व के बारें में... 

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साल 2024 में दशहरा कब है? (2024 Dussehra Kab Hai)

दशहरा का पर्व अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है साल 2024 में दशहरा 12 अक्टूबर, शनिवार को मनाया जाएगा। 

दशहरा 2024 मुहूर्त (Dussehra 2024 Muhurat)

हिन्दू पंचाग के मुताबिक, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि  12 अक्टूबर 2024 की  सुबह 10 बजकर 58 मिनट से 13 अक्टूबर 2024 की  सुबह 09 बजकर 08 मिनट तक रहेगी। जिसमें दशहरा 2024 का मुहूर्त श्रवण नक्षत्र 12 अक्टूबर 2024 के सुबह 05 बजकर 25 मिनट से 13 अक्टूबर 2024 के सुबह 04 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।

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साल 2024 रावण दहन का महूर्त (Ravan Dahan 2024 Muhurat)

पौराणिक कथाओं में मान्यता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध प्रदोष काल में किया था साल 2024 में अश्विन माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष काल 12 अक्टूबर 2024 शाम 05 बजकर 54 मिनट से रात 07 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इसलिए साल 2024 रावण दहन का महूर्त प्रदोष काल 05 बजकर 54 मिनटसे रात 07 बजकर 27 मिनट के बीच किया जाएगा। 

दशहरा का महत्व (Dussehra Mahatva)

दशहरा के धार्मिक महत्व के साथ कई सामाजिक महत्व है दशहरा को बुराई में अच्छाई की जीत के जश्न के रूप में मनाया जाने वाला त्योहार है। जो यह बताता है की लाख बुराई क्यों न हो उसे एक अच्छाई हारा सकती है  इसी दिन को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध कर रावण के घमंड एवं बुराई का अंत किया था जिसके उपलक्ष्य में हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष को दशहरा या विजयादशमी मनाया जाता है। 

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