Diwali 2024 Date: 2024 में किस तारीख जो पड़ेगी दिवाली (Diwali 2024 mein kab hai), जानें पूजा का शुभ-मुहूर्त एवं विधि
साल 2024 में दिवाली के त्योहार की दो तिथि 31 अक्टूबर और 1 नवंबर है, जिसमें उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में दिवाली का त्योहार 1 नवंबर दिन शुक्रवार के दिन को मनाया जाएगा। जबकि दक्षिण भारत के अधिकांश राज्यों में दिवाली 31 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार को मनाई जाएगी।
दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष कीअमावस्या को मनाए जाने वाला त्योहार है जो कि पाँच दिनों तक बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जिसकी शुरुआत धनतेरस के त्योहार से होती है इसके बाद छोटी दिवाली, दिवाली, गोवर्धन और भाई दूज का त्योहार होता है। 2024 में दिवाली के त्योहार को लेकर असमंजस की स्तिथि है क्योंकि साल 2024 में दिवाली के त्योहार की दो तिथि आ रही है। तो आइये जानते है साल 2024 में दिवाली का त्योहार कब मनाया जाएगा। इसके साथ ही लक्ष्मी पूजा का शुभ-मुहूर्त एवं पूजा विधि के बारें में...
2024 में दिवाली कब है? (Diwali 2024 mein kab hai)
साल 2024 में दिवाली के त्योहार की दो तिथि 31 अक्टूबर और 1 नवंबर है, जिसमें उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में दिवाली का त्योहार 1 नवंबर दिन शुक्रवार के दिन को मनाया जाएगा। जबकि दक्षिण भारत के अधिकांश राज्यों में दिवाली 31 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार को मनाई जाएगी।
दिवाली लक्ष्मी पूजा का शुभ-मुहूर्त एवं तारीख (Diwali 2024 Lakshmi Puja date)
लक्ष्मी पूजा शुभ-मुहूर्त : 1 नवंबर 2024 सायं 05:35 से सायं 06:18 तक
लक्ष्मी पूजा शुभ-मुहूर्त (प्रदोष काल): 1 नवंबर 2024 सायं 05:35 से रात्रि 08: 11 तक
लक्ष्मी पूजा शुभ-मुहूर्त (वृषभ काल) : 1 नवंबर 2024 सायं 06: 21 से रात्रि 08: 17 तक
दिवाली/दीपावली लक्ष्मी पूजा विधि (Diwali Lakshmi Puja vidhi)
दिवाली/दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि इन दिन धन की देवी लक्ष्मी खुद घर में पधारती है। ऐसे में विधि-विधान से माता लक्ष्मी पूजा की पूजा करना अनिवार्य होता है। आइये जानते है। दिवाली/दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा की विधि...
- दिवाली/दीपावली के दिन सूर्य देवता के निकालने से पहले उठ कर स्नान करें
- घर को साफ कर फूल- मालाएं से सजायें
- सायं के व्यक्त पूजन की सारी सामग्री को तैयार करें
- पूजा के स्थान को साफ़ कर चौकी लगाए
- चौकी में नया लाल या पीला कपड़ा बिछाएं
- माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें
- प्रतिमा का स्मरण करते हुए कलश की स्थापना करें
- भगवान गणेश जी का जप करते हुए फूल मालाये अर्पण करें
- इसके बाद माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर जी को भी फूल मालाये अर्पण करें
- लाल सिंदूर से तिलक करें और मां लक्ष्मी का श्री सूक्त मंत्र का पाठ अध्ययन करें
- विधि विधान से पूजन के व्यक्त सभी देवी देवता का भी स्मरण करें
- माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान गणेश जी को भोग अर्पित करें
- दिवाली के दीप को प्रज्वलित कर माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान गणेश जी के सामने रखें
- इसके बाद भगवान श्री गणेश जी और माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर की आरती पढ़ें
- प्रज्वलित दीये सभी देवी-देवता को अर्पित करें
- इसके बाद बचे हुए दीये को अपने आँगन- बालकनी में रखें।
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