0:01
1999 क्रिसमस के ठीक 1 दिन पहले की सर्द
0:05
शाम इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC814
0:09
त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट काठमांडू से
0:12
दिल्ली के लिए रवाना होने की तैयारी कर
0:14
रही थी लेकिन यात्रा से पहले किसी को नहीं
0:17
पता था कि यह यात्रा उनके जिंदगी की सबसे
0:21
खौफनाक यात्राओं में दर्ज हुई
0:23
है फ्लाइट काठमांडू एयरपोर्ट से शाम
0:27
4:39 में उड़ान भरती है विमान में कुल 190
0:32
लोग सवार होते हैं जिसमें 179 यात्री और
0:35
11 क्रू मेंबर थे इन यात्रियों में
0:38
ज्यादातर लोग भारतीय थे फ्लाइट कैप्टन
0:41
देवी शरण उड़ा रहे थे उनके साथ कोपायलट
0:44
राजेंद्र कुमार और फ्लाइट इंजीनियर अनिल
0:47
कुमार शाम के करीब 5:30 पर फ्लाइट भारतीय
0:52
वायु सीमा में प्रवेश करती है और तभी
0:56
विमान में सवार हरकत उल मुजाहदीन के पांच
0:59
नकाबपोश आतंकी इब्राहिम अतहर शाहिद अख्तर
1:02
सईद सनी अहमद काजी मिस्त्री जहूर इब्राहिम
1:06
शाकिर जिन्होंने अपना कोड नाम चीफ डॉक्टर
1:09
बर्गर भोला और शंकर रखा था सभी हथियार
1:13
निकालकर फ्लाइट को हाईजैक कर लेते हैं
1:16
फ्लाइट में इतना ईंधन नहीं था कि उसे सीधे
1:19
अफगानिस्तान ले जाया जा सके इसलिए हाईजैक
1:22
किया गया फ्लाइट कुछ देर अमृतसर में रुका
1:25
फिर लाहौर के लिए रवाना हुआ फ्लाइट
1:27
पाकिस्तान सरकार से इजाजत लिए बिना रात
1:31
8:07 में लाहौर में उतरा और अगली सुबह
1:35
लाहौर से दुबई के लिए रवाना हो गया दुबई
1:38
में एक यात्री की लाश उतारी जाती है साथ
1:41
ही कुछ यात्रियों को छोड़ा जाता है इसके
1:44
बाद फ्लाइट को सीधे अफगानिस्तान के कंधार
1:47
ले जाया जाता है जिस पर पूरे विश्व की
1:50
मीडिया नजर लगाई हुई थी कंधार हाईजैक भारत
1:53
सरकार के लिए एक संकट की घड़ी थी कैबिनेट
1:56
की आपात बैठ के कूटनीतिक बातचीत और मीडिया
2:00
का दबाव सब कुछ साथ-साथ चल रहा था
2:03
आतंकियों ने भारत सरकार से तीन खूंखार
2:06
आतंकी की रिहाई के साथ 200 मिलियन अमेरिकी
2:09
डॉलर की फिरौती मांगी थी जिसमें मसूद अजहर
2:13
अहमद झरगर और उमर शेख का नाम शामिल था
2:16
भारत सरकार जानती थी यह सौदा देश की
2:20
सुरक्षा के लिए बहुत भारी होगा लेकिन
2:22
यात्रियों की जिंदगी दांव पर
2:25
थी कंधार हाईजैक को लेकर दुनिया भर की
2:28
नजरें भारत पर लगी हुई थी देश विदेश की
2:31
मीडिया पल-पल की खबरें सामने ला रहा था
2:34
इसी दौरान 28 दिसंबर 1999 को तत्कालीन
2:39
विदेश मंत्री जसवंत सिन्हा ने एक प्रेस
2:41
कॉन्फ्रेंस की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में
2:44
अचानक कंधार हाईजैक में बंधक बनाए गए
2:47
लोगों के रिश्तेदार घुस आए और यह सभी लोग
2:50
अचानक चिल्लाने लगे कि जब मुफ्ती मोहम्मद
2:53
सईद की बेटी के लिए आतंकवादियों को छोड़ा
2:56
जा सकता है तो हमारे अपनों के लिए क्यों
2:59
नहीं जिसे भी छोड़ना पड़े छोड़ो हमें फर्क
3:03
नहीं पड़ता आखिरकार सरकार ने 31 दिसंबर को
3:07
फैसला लिया कि तीन आतंकियों को कंधार भेजा
3:10
जाएगा केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह खुद
3:13
उन्हें लेकर कंधार जाएंगे आज भी कंधार
3:16
हाईजैक की घटना वाजपेई सरकार की सबसे
3:19
दुखती रंग है लेकिन तब सरकार के सामने कोई
3:22
विकल्प नहीं था आतंकियों ने सभी 155
3:26
बंधकों को आखिरकार रिहा कर दिया 31 दिसंबर
3:30
1999 की रात ही फ्लाइट IC 814 के छोड़े गए
3:35
सभी बंधक यात्रियों को एक विशेष विमान से
3:38
भारत वापस लाया गया लेकिन यह खौफ के आठ
3:41
दिन विमान में बैठे लोगों के साथ-साथ भारत
3:44
के हर नागरिक के लिए खौफ भरे थे कंधार
3:47
हाईजैक में रिहा किए गए आतंकियों ने बाद
3:50
में भारत में कई आतंकवादी घटनाओं को अंजाम
3:53
दिया मसूद अजहर ने जैश ए मोहम्मद नाम का
3:57
आतंकी संगठन बनाया जिसने 2001 में संसद
4:00
हमला और 2006 में पुलवामा जैसे आतंकी हमले
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किए कंधार हाईजैक सिर्फ एक विमान अपहरण
4:07
नहीं था यह भारत की कूटनीति सुरक्षा और
4:10
नैतिकता की परीक्षा थी एक ऐसा दिन जिसे हम