0:21
दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी जो
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किसी देश की सीमाओं से नहीं बल्कि दुश्मन
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की सांसों से खेलती है नाम है मोसाद
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एक ऐसा संगठन जो दुनिया के किसी भी कोने
0:35
में पहुंच सकता है दुश्मन की धड़कन को
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बिना आवाज थाम सकता है
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जब यहूदियों ने अपने नए देश इसराइल की
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घोषणा की उन्हें चारों तरफ से दुश्मनों ने
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घेर लिया था इस देश ने जन्म के साथ ही
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युद्ध शुरू किया और यहीं से शुरू हुई एक
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खुफिया एजेंसी मोसाद जिसकी आज पूरे विश्व
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में एक अलग पहचान है मोसाद आज सिर्फ एक
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नाम नहीं है एक डर है लोग इसे किलिंग मशीन
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कहते हैं क्योंकि यह इजराइल के खिलाफ
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षड्यंत्र रचने वालों को दुनिया के किसी भी
1:12
कोने से खोज निकालकर बिना किसी सबूत के
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समाप्त कर देता है मोसाद सिर्फ जासूसी
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नहीं करता वो इतिहास लिखता है इसकी ताकत
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है मानव खुफिया नेटवर्क यानी ह्यूमन
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इंटेलिजेंस दुनिया के कोने-कोने में जासूस
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जो कभी पत्रकार कभी बिजनेसमैन तो कभी
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छात्र बनकर दुश्मन की नब्ज़ पहचानते हैं
1:34
मोसाद में कोई रैंक नहीं कोई यूनिफार्म
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नहीं इसमें सिर्फ मिशन है
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मोसाद ने दुनिया के कोने-कोने में जाकर
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ऐसे कई सीक्रेट ऑपरेशंस को अंजाम दिया है
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जिनके बारे में सुनकर दुनिया भी हैरान है
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जैसे जब 1972 के म्यूनिक ओलंपिक में
1:54
इसराइली खिलाड़ियों की हत्या हुई तो मोसाद
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ने म्यूनिक हत्याकांड में शामिल सभी लोगों
2:00
को मारने के लिए 20 साल तक रात ऑफ गॉड नाम
2:04
का ऑपरेशन चलाया और म्यूनिक हत्याकांड में
2:07
शामिल सभी लोगों को एक-एक कर मार गिराया
2:11
वहीं जब 27 जून 1976 को फ्रांस के एक हवाई
2:16
जहाज को चार आतंकवादियों द्वारा अपहरण कर
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युगांडा ले जाया गया जिसमें 106 यहूदी
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सवार थे तब युगांडा में मोसाद के विशेष
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कमांडो फोर्स द्वारा ऑपरेशन थंडरबॉल्ट
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चलाया गया और सभी बंधकों को सुरक्षित
2:31
इजराइल लाया गया जिसमें केवल एक मौत हुई
2:34
मोसाद के इस ऑपरेशन थंडरब्ट को दुनिया का
2:38
सबसे हैरतंगेज ऑपरेशन माना मीडिया रिपोर्ट
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के मुताबिक हाल में इजराइल का ईरान पर
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ऑपरेशन राइजिंग लयन की तैयारी भी मोसाद ने
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ही तैयार करके दी है इजराइली अधिकारियों
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के मुताबिक मोसाद ने इस हमले के लिए कई
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महीनों से खुफिया तैयारी की थी इस हमले से
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पहले तस्करी के जरिए विस्फोटक ड्रोन और
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हथियार ईरान के अंदर भेजे गए इसके बाद 13
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जून 2025 को सबसे पहले तेहरान के पास बने
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ईरानी के न्यूक्लियर ठिकानों और मिलिट्री
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अड्डों को टारगेट किया गया जहां मिसाइल
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लांचर्स तैनात थे इन्हें ड्रोन की मदद से
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नष्ट किया गया हवा में मार करने वाले
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मिसाइल सिस्टम्स को भी खुफिया तरीके से
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निष्क्रिय किया गया आज मोसाद सिर्फ
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एजेंट्स की नहीं एआई साइबर सर्विलेंस और
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फेशियल रिकॉग्निशन जैसी तकनीकी ताकत से
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लैस दुनिया की सबसे एडवांस खुफिया एजेंसी
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है इसकी कहानियां सिर्फ खून से नहीं बल्कि
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चुप्पी और समझदारी से लिखी जाती है यह कोई
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सेना नहीं यह छाया है वो छाया जो अपने देश
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की हिफाजत करने के लिए कुछ भी कर सकती है