Diwali 2024 Date : 2024 में दिवाली कब है? [Diwali Kab hai] दिवाली पूजा मुहूर्त एवं पौराणिक कथा
Diwali 2024 Date: आइये जानते है वर्ष 2024 में दिवाली कब है? [Diwali Kab hai], दिवाली के लिए पूजा मुहूर्त एवं दिवाली से संबंधित पौराणिक कथाओ के बारें में...
![Diwali 2024 Date : 2024 में दिवाली कब है? [Diwali Kab hai] दिवाली पूजा मुहूर्त एवं पौराणिक कथा](https://www.mpnewshindi.com/uploads/images/2023/11/image_750x_6565b405e7b28.jpg)
Diwali 2024 Date: हिन्दू धर्म में हर महीने बहुत से त्योहार मनाए जाते है, लेकिन इन सभी में दिवाली या दीपावली के त्योहार का अलग ही महत्व है। यह त्योहार प्रतिवर्ष कार्तिक माह के अमावस्या को मनाये जाने वाला त्योहार है, जो भगवान राम के 14 वर्ष वनवास के बाद वापस अपने भाई लक्ष्मण, पत्नी सीता के साथ अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, आइये जानते है, 2024 में दिवाली कब है?(2024 diwali kab hai ) दिवाली पूजा महुर्त (Diwali Puja Muhurat 2024 ), दिवाली मनाने की पीछे की पौराणिक कथा...
2024 में दिवाली कब है (2024 Diwali kab hai)
दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की प्रदोष अमावस्या को मनाया जाता है। वर्ष 2024 में कार्तिक माह की अमावस्या 31 अक्टूबर 2024 को शाम 3.55 से शुरू होगी जो कि 1 नवंबर 2024 शाम 6 .15 तक रहेगी। यानि 2024 में दिवाली का त्योहार 1 नवंबर को मनाया जाएगा। दरअसल, अमावस्या की तिथि के दो दिनों तक होने के कारण कई राज्यों में दिवाली के त्योहार मनाये जाने को लेकर असंजस्य की स्तिथि की दिवाली कब है तो आपको बता दे, उतर-पूर्वी राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, तेलंगाना, उड़ीसा, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा समेत सभी पूर्वी राज्यों में 1 नवंबर 2024 को दिवाली मनाई जाएगी, वही दक्षिण- पश्चिम राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और केरल समेत सभी दक्षिण राज्यों में दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।
2024 दिवाली पूजा मुहूर्त (Diwali Puja Muhurat 2024)
दिल्ली के संदर्भ में :-
दिवाली 2024 में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त : 1 नवंबर 2024 शाम 05 बजकर 35 मिनट से शाम 06 बजकर 18 मिनट तक (कुल अवधि- 43मिनट)
लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल : 1 नवंबर 2024 शाम 05 बजकर 35 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक
लक्ष्मी पूजा वृषभ काल : 1 नवंबर 2024 शाम 06 बजकर 21 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक
दिवाली से जुड़ी पौराणिक कथाएं ...
हिन्दुओ में धार्मिक मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान राम ने लकेश रावण का युद्ध में वध करके 14 वर्ष वनवास में रखकर कार्तिक अमावस्या के दिन ही अपनी पत्नी माता सीता, और भाई लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या लौटकरकर आए थे इसी के उत्सव में अयोध्यावासियों ने अपने पूरे राज्यों को दीपों से जगमगाया था, तभी से हर वर्ष कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की प्रदोष अमावस्या को दिवाली के त्योहार को मनाने की परंपरा शुरू हुई।
ये भी पढ़ें :-
- Holi 2024 Date : 2024 में होली कब है? [Holi kab hai] होलिका दहन, होली त्योहार का महत्व
- Halloween 2024 Date: हेलोवीन फेटिवल कब है? हेलोवीन फेटिवल में ट्रिक और ट्रीट क्या होता है
Disclaimer: यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं पर आधारित है। mpnewshindi.com किसी भी तरह की मान्यता एवं दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञों से सलाह आवश्यक लें।