Nuh Violence Update News : कोई तो है जिसने जानबूझकर हिंसा फैलाई, हरियाणा उपद्रव पर अनिल विज की सफाई
हरियाणा में मेवात जिले के नूंह में हुई हिंसा पर राज्य सरकार के गृहमंत्री अनिल विज ने बुधवार को पुनः यह बात दोहराई है कि हिंसा अचानक नहीं हुई बल्कि इसकी सुनियोजित तरीके से साजिश रची गई होगी। यदि ऐसा न होता तो जलाभिषेक यात्रा के एंट्री प्वाइंट में ही हथियारों से लैस उपद्रवियों द्वारा ताबड़तोड़ हमला कैसे किया जा सकता था।
नूंह हिंसा पर अब राजनीति करने में जुटे विपक्षी दल
मामले की जड़ में पहुंचने के बजाय सरकार की घेराबंदी
मेवात(हरियाणा)। हरियाणा में मेवात जिले के नूंह में 31 जुलाई को हिंदू संगठनों की ओर से निकाली गई ब्रजमंडल क्षेत्र की जलाभिषेक यात्रा पर पत्थरबाजी और घातक हथियारों से किए हमले के कारण हुई हिंसा की चपेट में आसपास के जिले भी आ गए हैं।एक समुदाय विशेष के लोगों पर आरोप है कि सुनियोजित साजिश के तहत जलाभिषेक यात्रा में शामिल लोगों को हिंसा का शिकार बनाया गया। इस हिंसा में अब तक छ: लोग अपनी जान गवां चुके हैं और लगभग 130 लोगों को चोटें आई हैं।
राज्य सरकार के गृहमंत्री अनिल विज ने बुधवार को पुनः यह बात दोहराई है कि हिंसा अचानक नहीं हुई बल्कि इसकी सुनियोजित तरीके से साजिश रची गई होगी। यदि ऐसा न होता तो जलाभिषेक यात्रा के एंट्री प्वाइंट में ही हथियारों से लैस उपद्रवियों द्वारा ताबड़तोड़ हमला कैसे किया जा सकता था। अचानक दंगा अथवा हिंसा की स्थिति में हिंसा एकदम होने के बजाय शनै:शनै: बढ़ती है। विपक्षी दल नूंह हिंसा मामले में हरियाणा सरकार को इस बात के लिए घेर रहे हैं कि उसने समय रहते हिंसा की योजना को क्यों नहीं भांपा। जबकि वहां के गृहमंत्री यह स्वीकार करने में संकोच नहीं कर रहे हैं कि स्थानीय प्रशासन से इंटेलीजेंस फेलुअर हुआ है और इसके लिए दोषी अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा।
अब तक क्या कार्रवाई की गई
उधर हरियाणा में नूंह हिंसा मामले पर अब तक हुई कार्रवाई की बात की जाए तो खबर है कि नूंह में 15 से अधिक एफआईआर,गुरुग्राम में 15 और पलवल जिले में 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं। तीनों ही जिलों में 6 लोग मारे गए हैं।
किसने की हिंसा
यह तो साफ है कि हिन्दू संगठनों की यात्रा में हिन्दू ही शामिल रहे और उनपर एक समुदाय विशेष के लोगों पर हिंसा करने का आरोप लगाया जा रहा है। सरकार आरोप लगा रही है कि शोभायात्रा कई वर्षों से नियमित रूप से निकाली जा रही है। इसी को देखते हुए सामान्य हालातों के मद्देनजर पुलिस बल तैनात किया गया था। बकौल गृहमंत्री, ऐसे में सरकार कैसे हिंसा की दोषी हो सकती है। हां,प्रश्न यह अवश्य उठ सकता है कि मेवात पुलिस का इंटेलीजेंस फेलुअर क्यों हुआ। इसपर सरकार कह चुकी है लापरवाही के दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।
मोनू मानेसर का नाम क्यों आ रहा
हरियाणा हिंसा पर अब विपक्षी दल घटना के मूल में जाने के बजाय हिंन्दू संगठन से जुड़े और राजस्थान-हरियाणा पुलिस के वांटेड आरोपी मोनू मानेसर को हिंसा का जिम्मेदार बता रहे हैं। इसपर गृहमंत्री अनिल विज का कहना है कि यह बात कहां तक उचित है कि मोनू मानेसर सोशल मीडिया में एक पोस्ट डाल दे और जवाब में मामले की तह में पहुंचे बगैर ही हिंसा कर दी जाए। रहा सवाल मानेसर का,तो हरियाणा और राजस्थान पुलिस उसे ढूंढ रही है और जल्द गिरफ्त में आएगा। विज ने कहा है कि जल्द हिंसा के वास्तविक दोषियों को गिरफ्त में लिया जाएगा।