Lotus 365 भी निकला महादेव बुक की सहयोगी संस्था, ED की जांच में हुआ खुलासा
ईडी ने जांच में पाया कि गिरीश तलरेजा जो कि “लोटस365” के संचालन में हिस्सेदारी है, जो कि महादेव ऑनलाइन बुक की सहयोगी कंपनी है। वह लोटस 365 के अवैध संचालन में रतन लाल जैन उर्फ अमन और सौरभ चंद्राकर के साथ भागीदार है
रायपुर में प्रवर्तन निदेशालय यानि (ईडी)ने महादेव ऑनलाइन बुक से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में कार्यवाही करते हुए गिरीश तलरेजा को 2 मार्च 2024 और सूरज चोखानी को 3 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया था इनकी गिरफ़्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई है। जिन्हे ईडी ने पीएमएलए विशेष न्यायालय, रायपुर के समक्ष पेश किया जहां विशेष न्यायालय ने दोनों आरोपियों को 11 मार्च 2024 तक यानि 7 दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया था।
ईडी की यह जांच छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से शुरू हुई थी इसके बाद विशाखापत्तनम पुलिस समेत अन्य राज्यों में दर्ज एफआईआर को भी अपने रिकार्ड में लिया। मेसर्स महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग एपीपी जो कि एक व्यापक सिंडिकेट है, जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, उपयोगकर्ता आईडी बनाने और बेनामी बैंक खातों के एक स्तरित वेब के माध्यम से धन की हेराफेरी करने में सक्षम बनाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की व्यवस्था करता है।
Lotus 365 भी निकला महादेव बुक की सहयोगी संस्था
ईडी ने जांच में पाया कि गिरीश तलरेजा जो कि “Lotus 365” के संचालन में हिस्सेदारी है, जो कि महादेव ऑनलाइन बुक की सहयोगी कंपनी है। वह Lotus 365 के अवैध संचालन में रतन लाल जैन उर्फ अमन और सौरभ चंद्राकर के साथ भागीदार है। इस प्रकार गिरीश तलरेजा को ईडी ने Lotus 365 के अवैध संचालन से उत्पन्न आय को वैध बनाने में सक्रिय भूमिका निभाते हुए पाया गया। इसी के तहत ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 17 के तहत 1 मार्च 2024 को कोलकाता, हरियाणा, दिल्ली, एमपी, महाराष्ट्र समेत गोवा में कई स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें पुणे, महाराष्ट्र से संचालित होने वाली Lotus 365 की शाखाएं भी शामिल थीं। ईडी की जांच से पता चला कि Lotus 365 की इन शाखा द्वारा प्रति माह 50 करोड़ का सट्टा कैश संभाला जा रहा था।
अवैध आय को वैध के लिए शेयर बाजार में किया जाता था निवेश
जानकारी के मुताबिक, ईडी ने गिरीश तलरेजा को लोटस 365 इन शाखा के “कैश हैंडलिंग व्हाट्सएप ग्रुप” के सदस्यों में से एक पाया। साथ ही अपनी छापेमारी में ईडी ने 1 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए। साथ ही यह भी पाया था कि हरि शंकर टिबरेवाल ने सट्टेबाजी वेबसाइट “स्काईएक्सचेंज” के लिए अवैध सट्टेबाजी संचालन में महादेव ऑनलाइन बुक के प्रमोटरों के साथ भी साझेदारी की थी। हरि शंकर टिबरेवाल ने भारत और भारत के बाहर संचालित कई कंपनियों के माध्यम से सट्टेबाजी संचालन से उत्पन्न आय को वैध बनाया था। हरिशंकर टिबरेवाल ने भारतीय कंपनियों के लिए शेयर बाजार में निवेश की आड़ में सट्टेबाजी से प्राप्त अवैध आय को वैध बनाने और इसे छिपाने के लिए सूरज चोखानी का भी इस्तेमाल किया था ।
स्टॉक पोर्टफोलियो में 606 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियां मिली
वही कोलकाता में सूरज चोखानी सहित हरि शंकर टिबरेवाल के सहयोगियों के परिसरों पर जब ईडी ने अपनी तलाशी की तो वह से पता चला कि इन निवेशों के लिए अधिकांश स्रोत बैंक प्राप्त करने के माध्यम से एकत्र किए गए थे। इन कंपनियों में नकदी के बदले प्रविष्टियां और प्राप्त राशि का उपयोग शेयर बाज़ार में निवेश के लिए करना था । जब 29 फरवरी 2024 तक हरि शंकर टिबरेवाल के सहयोगियों के नियंत्रण वाली भारतीय कंपनियों के स्टॉक पोर्टफोलियो में लगभग 580 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियां थी। इसके साथ ही विदेशी संस्थाओं ने भी एफपीआई मार्ग के माध्यम से भारत में निवेश किया हुआ था। 29 फरवरी 2024 तक उनके स्टॉक पोर्टफोलियो में 606 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियां पाई गईं।
शेयर बाजार की हेरफेर से हरिशंकर टिबरेवाल कामता था पैसा
इसके साथ ही यह भी पता चला कि हरिशंकर टिबरेवाल सूचीबद्ध कंपनियों के प्रमोटरों के साथ मिलकर भारतीय शेयर बाजार के हेरफेर में भी शामिल थे। हरिशंकर टिबरेवाल अपनी विशाल पूंजी का उपयोग करके शेयर बाजार की कीमतों में अस्थायी उतार-चढ़ाव पैदा करता था , जब शेयर का भाव बढ़ता या शेयर की कीमतें उच्चस्तर पर पहचती तो वह अपना पैसा निकल कर धन कामता था ।
एक और सट्टेबाजी बुक को लॉन्च की तैयारी
4 मार्च 2024 को गोवा में एक प्रमुख पैनल ऑपरेटर के संबंध में भी ईडी ने खोज की थी। यह पैनल ऑपरेटर एक और सट्टेबाजी बुक को लॉन्च करने के लिए गोवा में था। इस पैनल संचालक के कब्जे से ईडी ने 48 लाख रुपये नकद पाया । साथ ही इस मामले में तलाशी के दौरान 1764.5 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं इसके अलावा दो अनंतिम कुर्की का आदेश जारी किए गए हैं, जिनमें चल और अचल संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा। इस मामले में अभियोजन की शिकायतें दिनांक 20 अक्टूबर 2023 और 1 जनवरी 2024 में दर्ज की गई हैं. गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी की गिरफ्तारी से पहले इस मामले में 9 आरोपियों को पहले ही पकड़ा जा चुका है। वही अभी भी ईडी जांच में जुटी हुई है।
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