Gudi Padwa 2024 Date : गुड़ी पड़वा 2024 में कब है? गुड़ी पड़वा का शुभ मुहूर्त, महत्त्व एवं पूजा विधि

Gudi Padwa 2024: आइये जानतें हैं, साल 2024 में हिन्दू नववर्ष (Hindu New Year) या गुड़ी पड़वा कब हैं। गुड़ी पड़वा का शुभ मुहूर्त, महत्त्व, पूजा विधि एवं कैसे मनाया जाता हैं गुड़ी पड़वा का त्यौहार...

Gudi Padwa 2024 Date : गुड़ी पड़वा 2024 में कब है? गुड़ी पड़वा का शुभ मुहूर्त, महत्त्व एवं पूजा विधि
Gudi Padwa 2024 Date : गुड़ी पड़वा 2024 में कब है? गुड़ी पड़वा का शुभ मुहूर्त, महत्त्व एवं पूजा विधि

Gudi Padwa 2024 Date : गुड़ी पड़वा का त्योहार हिन्दू पंचाग के अनुसार हर साल चैत महीने के पहले दिन यानि हिंदू नव वर्ष के दिन मनाया जाने वाला त्योहार हैं। जिसे महाराष्ट्र राज्य में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं। महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा को उगादि भी कहते है। इस दिन को महाराष्ट्र के लोग फसल के प्रतीक के रूप में मनाते है और भगवान ब्रह्मा और विष्णु जी की पूजा करते हैं। लोग अपने घर में इस रंगोली एवं फूल माला सें सजाते हैं और कई तरह के पकवान बनाते हैं। आइये जानतें हैं, साल 2024 में हिन्दू नववर्ष या गुड़ी पड़वा कब हैं। गुड़ी पड़वा का शुभ मुहूर्त, महत्त्व, पूजा विधि एवं कैसे मनाया जाता हैं गुड़ी पड़वा का त्यौहार...

2024 में गुड़ी पड़वा कब हैं? (When is Gudi Padwa in 2024?)

गुड़ी पड़वा हिन्दू नववर्ष के दिन मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक, हिन्दू नववर्ष 2024 यानि गुड़ी पड़वा 09 अप्रैल 2024, मंगलवार को मनाया जाएगा। 

गुड़ी पड़वा का शुभ मुहूर्त तिथि

गुड़ी पड़वा का शुभ मुहूर्त 08 अप्रैल 2024 को रात 11 बजकर 50 मिनट शुरू होगा जो कि 09 अप्रैल 2024 को 08 बजकर 30 मिनट की रात को समाप्त होगा। 

गुड़ी पड़वा का महत्व

गुड़ी पड़वा के पर्व को सृष्टि की रचना के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू धर्म ग्रंथों में वर्णित पौराणिक कथाओं के अनुसार, सृष्टि के रचियता नें इस दिन ही सृष्टि की रचना की थी इसलिए इस दिन भगवान ब्रह्मा और विष्णु जी की पूजा करते हैं। इसके अलावा यह भी मान्यता हैं कि इस दिन ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम नें वली का वध कर किष्किन्धा राज्य के लोगों को उसके आतंक सें आजादी दिलाई थी। इसके साथ ही छत्रपति शिवाजी महाराज नें गुड़ी पड़वा के दिन ही विदेशी घुसपैठियों को युद्ध में पराजित किया था जिसके जीत के जश्न में प्रत्येक वर्ष हिन्दू नववर्ष को गुड़ी फहराकर गुड़ी पड़वा का मनाया जाता हैं 

गुड़ी पड़वा पूजा विधि

  • गुड़ी पड़वा के दिन सुबह जल्दी उठकर शरीर में बेसन का उबटन एवं तेल लगाए, इसके बाद स्नान करें।
  • पूजा के स्थान को साफ कर वहाँ गंगाजल का छिड़काओ करें।
  • पूजा के साथ में चौक लगाये एवं स्वास्तिक का चिन्ह को बनायें 
  • स्वास्तिक चिन्ह के ऊपर लकड़ी का पीड़ा रहें एवं उसके ऊपर सफ़ेद या लाल कपडे को बिछाये।
  • हल्दी और कुमकुम की मदद कपड़े को रंग दें।
  • अब अष्टदल का निर्माण करें एवं सृष्टि के रचीयता भगवान ब्रह्मा देव एवं विष्णु जी को विराजित करें एवं दोनों को आराध्य मानकर फूलमाला एवं प्रसाद चढ़ा कर पूजा करें।
  • इसके बाद गुड़ी का निर्माण करें एवं घर के मुख्यद्वार में झंडा फहराये।

कैसे मानते हैं? गुड़ी पड़वा का त्यौहार

  • गुड़ी पड़वा के दिन घर की सफाई करके लोग मुख्यद्वार में लोगों आम के पत्ते बांधते हैं। इसके साथ ही घर के आँगन में रंगीली डालते हैं।
  • लोग घर के मुख्य द्वार के पास एक झंडा को फैहराते हैं जिसे गुड़ी कहा जाता हैं।
  • एक कलश रखकर उसे लाल कपडे सें लपेटा जाता हैं इसके साथ ही कलश में स्वस्तिक चिन्ह को बनाया जाता हैं।
  • घर में लोग सूर्य देव के साथ ब्रम्हा और विष्णु जी की पूजा करते हैं। इसके अलावा रामरक्षास्रोत, सुंदरकांड एवं देवी भगवती की पूजा-मंत्रों के जप सें करते हैं।
  • इस दिन लोग भगवान सें आराध्य मान कर नीम की कोपल को गुड़ के साथ खातें हैं।


Disclaimer:इस लेख में बताई जानकारी/सामग्री/गणना/ पूजा विधि की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। हालांकि वर्णित जानकारी को विभिन्न माध्यमों जैसे पंचांग/ज्योतिषियों/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके प्रसारित की गई। हमारा उद्देश्य मात्र सूचना को पाठक तक पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे लेख में बताई जानकारी को सिर्फ सूचना ही समझें । इसके अतिरिक्त इस लेख के किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की रहेगी।'

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