MP Election 2023 : बीजेपी को नाराज नेताओं से होगा खतरा, बिगड़ सकता है वर्तमान समीकरण

भाजपा की केंद्रीय कार्यकारिणी और शनिवार को मध्यप्रदेश की चुनाव प्रबंधन समिति तथा घोषणा पत्र समिति के पदाधिकारियों की घोषणा करके बीजेपी के नीति निर्धारकों ने यह बता दिया है कि वे किसी भी कीमत में किसी भी नेता या वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को नाराज नहीं करना चाहते हैं।बल्कि कई ऐसे नेताओं को भी एडजस्ट किया गया है

MP Election 2023 : बीजेपी को नाराज नेताओं से होगा खतरा,  बिगड़ सकता है वर्तमान समीकरण
बीजेपी को नाराज नेताओं से होगा खतरा, बिगड़ सकता है वर्तमान समीकरण

  • - कमेटी में शामिल टिकट के दावेदारों के छूटे पसीने
  • - केन्द्रीय कार्यकारिणी में भी नेताओं को जगह मिली


नई दिल्ली/भोपाल। भाजपा की केंद्रीय कार्यकारिणी और शनिवार को मध्यप्रदेश की चुनाव प्रबंधन समिति तथा घोषणा पत्र समिति के पदाधिकारियों की घोषणा करके बीजेपी के नीति निर्धारकों ने यह बता दिया है कि वे किसी भी कीमत में किसी भी नेता या वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को नाराज नहीं करना चाहते हैं।बल्कि कई ऐसे नेताओं को भी एडजस्ट किया गया है जो जिम्मेदारी न मिलने की वजह से नाराज़ चल रहे थे। कुछेक ऐसे भी नेताओं को एडजस्ट किया गया है जिनकी कोई न तो खास अहमियत है और न ही वे पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए बड़ा चेहरा ही साबित हो सकते हैं।

एमपी से इन्हें मिली तवज्जो

हाल ही में केन्द्रीय कार्यकारिणी में मध्यप्रदेश से कैलाश विजयवर्गीय को महामंत्री,सौदान सिंह को उपाध्यक्ष, ओमप्रकाश धुर्वे को राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया है। इनमें से कैलाश विजयवर्गीय इंदौर से हैं और हाईकमान ने भरोसा करते हुए चौथी बार ये जिम्मेदारी सौंपी है। सौदान सिंह विदिशा जिले हैं और पहले से उपाध्यक्ष थे,उनपर भी पार्टी ने विश्वास जताकर पद बरकरार रखा है। यही स्थिति डिंडौरी के आदिवासी नेता ओमप्रकाश धुर्वे की भी रही। जिन्हें लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी मिली है। फग्गन सिंह कुलस्ते के विकल्प के तौरपर धुर्वे को तैयार किया जा रहा है।

इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी में सभी को कर दिया संतुष्ट

बीजेपी की मध्यप्रदेश में नरेंद्र सिंह तोमर की लीडरशिप में बनाई गई चुनाव प्रबंधन समिति में ऐसे सभी नेताओं को संतुष्ट करने की कोशिश की गई है जो पार्टी से पिछले कई वर्षों से नाराज़ चल रहे थे। इस समिति में केन्द्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह खटीक के अलावा मप्र से आने वाले सभी केंद्रीय मंत्रियों ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद सिंह पटेल,फग्गन सिंह कुलस्ते को शामिल किया गया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत उनके मंत्रिमंडल के साथियों भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत,नरोत्तम मिश्रा,तुलसी सिलावट आदि को समिति में जगह मिली है। सांसदों में वीडी शर्मा, राकेश सिंह,गणेश सिंह और विधायकों में अजय विश्नोई सरीखे नाराज नेताओं को जगह दी गई है। घोषणा पत्र समिति का मुखिया दमोह के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया को बनाया गया है,उनके साथ हासिए पर चल रहे प्रभात झा को सह प्रभारी बनाया गया है। समिति में लोगों की भरमार देखकर पता चलता है कि पार्टी सेबोटाज के डर से कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहती है।

जो समिति में लिए गए उनके टिकट संशय में

बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों से खबर मिली है कि जिन लोगों को समितियों में शामिल किया गया है उनमें से अधिकांश लोगों के टिकट पर संशय बना गया है। क्योंकि चुनाव प्रबंधन करने वालों को टिकट दिया जाता है तो प्रबंधन पर असर पड़ सकता है। यही वजह है कि समितियों में शामिल टिकट के दावेदारों के पसीने छूटने लगे हैं।